ड्रिलिंग मशीन क्या है इसके प्रकार और कीमत
हम अपने काम को आसान बनाने के लिए कई औजारों का इस्तेमाल करते हैं . जिससे कि हम अपना समय बचा सकते हैं या यूं कहें कि हम अपने काम को बहुत जल्दी पूरा कर सकते हैं. औजारों के बारे में हमने पहले भी हमारी वेबसाइट पर बताया है आज भी इस पोस्ट में आपको एक ऐसे ही औजार के बारे में बताया जाएगा जिसका इस्तेमाल किसी भी वस्तु में छेद करने के लिए किया जाता है. ड्रिल एक ऐसा उजार होता है जिसकी मदद से हम किसी भी धातु लकड़ी दीवार आदि पर क्षेत्र कर सकते हैं.
ड्रिलिंग मशीन का इस्तेमाल आज लगभग हर बड़े से बड़े और छोटे से छोटे काम के लिए किया जाता है. इसीलिए मार्केट में आपको अलग-अलग प्रकार के ड्रिल मशीन देखने को मिलेगी ड्रिल मशीन इसके उपयोग के आधार पर बनाई जाती है. जितना ज्यादा भारी और बड़ा काम करना होता है उतनी ही बड़ी और भारी ड्रिल मशीन बनाई जाती है. ड्रिल मशीन का इस्तेमाल हम सामान्य घरों में भी कर सकते हैं जहां पर भी हमें दीवार या लकड़ी के टुकड़े में छेद करने की आवश्यकता होती है वहां पर हम ड्रिल द्वारा बड़ी ही आसानी से छेद कर सकते हैं.
ड्रिलिंग मशीन के प्रकार
Types Of drilling Machine In Hindi : ड्रिल मशीन के प्रकार इसके उपयोग के ऊपर निर्भर करते हैं कि ड्रिल मशीन को कहां पर और किस काम के लिए इस्तेमाल में लिया जाएगा. अगर एक सामान्य ड्रिल की बात करें जिसे हम Pistol-grip (corded) drill के नाम से जानते हैं .जिसका इस्तेमाल हम लकड़ी दीवार या किसी धातु पर छेड़ करने के लिए करते हैं. यह ड्रिल मशीन आकार में काफी छोटी होती है जिसे हम बड़ी आसानी से एक हाथ द्वारा भी चला सकते हैं. लेकिन पुराने समय में ड्रिल मशीन को बिना बिजली के द्वारा भी चलाया जाता था. लेकिन उसके काम करने का तरीका भी बिल्कुल आज की आधुनिक इलेक्ट्रिक ड्रिल मशीन की तरह ही होता था.
Cordless Drill
आपने अक्सर देखा होगा कि बिजली से चलने वाली ड्रिल मशीन के साथ में तार जुडी होती है जिसे हम ड्रिल में सप्लाई देने के लिए इस्तेमाल करते हैं लेकिन आज एसिड रेला आ चुकी है जिन्हें बिना तारों कोई भी चलाया जा सकता है इनके अंदर ही इनकी बिजली स्टोर होती है जिसे से आप बिना तारों के चला सकते हैं. यह ड्रिल मशीन एक साधारण ड्रिल मशीन के मुकाबले थोड़ी सी महंगी होती है लेकिन इसके काफी फायदे भी होते हैं अगर इसे आप ऑनलाइन खरीदना चाहते हैं तो नीचे आपको इसका लिंक दिया गया है.
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पोर्टेबल ड्रिलिंग मशीन
Portable Drilling Machine :यह एक छोटे आकार की ड्रिल मशीन होती है. जिसे आसानी से कहीं पर भी ले जा कर काम किया जा सकता है. इस मशीन का इस्तेमाल बहुत भारी उपकरणों के लिए किया जा सकता है. इस ड्रिलिंग मशीन को मशीन शॉप में नहीं ले जाया जा सकता कई बार स्टील स्ट्र्क्चरो में ड्रिल करने के लिए इस प्रकार की मशीन का इस्तेमाल किया जा सकता है. पोर्टेबल ड्रिल मशीने कई प्रकार की होती है. इन मशीनों में एक्यूरेट होल प्राप्त नहीं होते है.
संवेदनशील ड्रिलिंग मशीन
Sensitive Drilling Machine : यह ड्रिल मशीन उपकरणों में सही और आवश्यकतानुसार फूल बनाने के लिए इस्तेमाल की जाती है. इसका इस्तेमाल हल्के कार्यों के लिए किया जाता है. इसमें 20 मिमी व्यास तक का छेद करने का सामर्थ्य होता है.
वर्टिकल ड्रिलिंग मशीन
Vertical Drilling Machine : यह मशीन संवेदनशील ड्रिलिंग मशीन के जैसे ही होती है. परंतु यह मशीन आकार में अधिक बड़ी व भारी होती है. इसके द्वारा 75 मिमी तक के छिद्र किए जा सकते है. इसके साथ ही इसमें ऑटोमेटिक फिड का भी प्रबंध होता है. इसमें भी स्पिण्डल की गई चाल प्राप्त की जा सकती है. इसको एक अलग मोटर द्वारा या पट्टा चालन द्वारा चलाया जा सकता है. इसमें एक गोल सेक्शन का पिलर होता है. और इसको एक बड़े आकार की कास्ट आयरन की बेस प्लेट के ऊपर फिट किया जाता है.
रेडियल ड्रिलिंग मशीन
Radial Drilling Machine : साधारण ड्रिल मशीनों में स्पिण्डल अपनी जगह पर स्थिर रहता है. तथा जॉब को ही सरकाकर या टेबल को चलाकर ड्रिल पॉइंट को स्पिण्डल के नीचे उचित स्थान पर लाया जाता है. बहुत ज्यादा बड़े जॉब को बार-बार सरकाना कठिन हो जाता है. इसलिए रेडियल ड्रिल मशीन से जॉब के एक प्लेन के सभी होल जॉब की एक ही सेटिंग में कर सकते है. इसमें जॉब को स्पिण्डल के नीचे सेट करने की बजाय स्पिण्डल को हि जॉब के ऊपर उचित स्थान पर ले जाकर लॉक कर दिया जाता है. रेडियल ड्रिलिंग मशीन के नीचे एक ढलवां लोहे का आधार होता है. जिसके आधार के किनारों पर एक बेलनाकार पिलर लगा होता है. जिसके कारण इस पिलर पर रेडियल भुजा घूम सकती है. इस रेडियल भुजा पर एक स्पिण्डल है. रेडियल आर्म ऊपर-नीचे चलती है. रेडियल आर्म को स्तम्ब के चारों ओर दबाव देकर घुमाया जा सकता है.
गैंग ड्रिलिंग मशीन
Gang drilling machine : गैंग ड्रिल मशीन मे दो-या-दो से अधिक सैंसिटिव ड्रिलिंग मशीनो को एक ही वर्क टेबल (Work Teble) पर इस्तेमाल किया जाता है. हर मशीन पर कोई ना कोई निश्चित ऑपरेशन किया जाता है. इसके पश्चात वह जॉब को आगे की ड्रिल मशीन पर खिसका दिया जाता है. जहां उस पर दूसरा ऑपरेशन किया जाता है. इस प्रकार प्रत्येक मशीन स्वतंत्र प्रक्रिया करती है. यह मशीन ऐसे जॉब के लिए उपयोगी है. जहां पर कई प्रक्रियाएं करनी हो जैसे टैपिंग करने के लिए इससे पहले दो ऑपरेशन करने होते है. – ड्रिलिंग तथा रीमिंग
इस प्रकार यह ऑपरेशन तीन स्पिण्डल वाली गैंग ड्रिलिंग मशीन पर किया जाएगा,जिस पर सबसे पहले ड्रिलिंग,उसके बाद रीमिंग तथा अन्त में टैपिंग की जाएगी ये मशीने मास प्रोडक्शन के लिए बहुत उपयोगी है. इसमे प्रत्येक स्पिण्डल पर अलग ऑपरेटर काम करता है. इसमे जॉब को बार बार फिक्सर पर बांधने की व खोलने की आवश्यकता नही होती इससे समय की बचत होती है.
मल्टीस्पिण्डल ड्रिलिंग मशीन
Multispindle Drilling Machine : इस प्रकार की मशीन में एक ही मोटर के द्वारा दो उससे अधिक स्पिण्डलो को एक साथ चलाया जाता है. इसमें स्पिण्डलो को चाल स्पलाइ शाफ्ट व हब के द्वारा दी जाती है. ऑपरेटर,आवश्यकतानुसार सभी स्पिण्डलो को एक निश्चित दूरियों पर सेट किया जाता है. एक ही दाब मे सभी स्पिण्डलो को फीड दी जाती है. इस प्रकार से समय कि बचत होती है. इसका इस्तेमाल मास प्रोडक्शन के लिए किया जाता है. क्योंकि शुरू कि सेटिंग मे बहुत समय लगता है. तथा एक्यूरेसी लाने के लिए ड्रिल जिग का इस्तेमाल आवश्यक हो जाता है. इसमें स्पिण्डलो को एक घुमाने के लिए एक जटिल गियर बॉक्स का इस्तेमाल किया जाता है. कुछ बडी मल्टीस्पिण्डल ड्रिलिंग मशीन में 30 या उसमें भी अधिक स्पिण्डल होते है.
ऑटोमैटिक ड्रिलिंग मशीन
Automatic drilling machine : इस प्रकार की मशीनो में ड्रिलिंग प्रक्रिया ऑटोमैटिक होती है. इसके लिए एक कन्वेयर पर फिक्सर में जॉब को पकड़ा जाता है. जिसे लोडिंग कहते है. जब जॉब स्पिण्डल के नीचे निश्चित स्थान पर पहुंचता है. तो कन्वेयर रुक जाती है. प्रक्रिया पूरी होने पर के पश्चात कन्वेयर चलने लगती है. तथा दूसरे जॉब को ड्रिल मशीन के नीचे स्थित करती है. इस मशीन में ड्रिल ऑटोमेटिक फिड द्वारा प्रक्रिया करता है. जॉब तैयार होने पर ऑटोमैटिक फिक्स्चर से निकाल लिया जाता है. इसे अनलोडिंग कहते है. इस प्रकार की मशीनों में ड्रिलिंग के अंदर बोरिंग,रीमिंग,टैपिंग आदि सभी प्रक्रिया होती रहती है.
डीप होल ड्रिलिंग मशीन
Deep hole drilling machine : ड्रिल के व्यास से 3 गुने से अधिक गहरे होल को डीप होल कहते है. डीप होल करने में दो मुख्य कठिनाई आती है.
1 छीलन फ्लूट्स में होकर बाहर नहीं आ पाती
2 कटिंग ऑयल कटिंग एज तक नहीं पहुँच
इससे टूल की धार खराब हो जाती है. इन कठिनाइयो को दूर करने के लिए स्टेप ड्रिलिंग करते है. ड्रिल के व्यास के लगभग बराबर गहराई का होल करने के पश्चात पुन: ड्रिलिंग प्रक्रिया करते है. इससे चिप्स फ्लूट्स में फँस नहीं पाते तथा कटिंग ऑयल,ड्रिल कि कटिंग एज तक पहुँचता है. इस प्रकार कटिंग एज खराब होने से बच जाती है.
डीप होल करने के लिए जॉब को घुमाया जाता है. तथा ड्रिल को फीड देकर आगे बढाया है. ये मशीनें क्षैतिज तथा ऊर्ध्वाधर दो प्रकार कि होती है. इन मशीनो पर प्रयोग होने वाले ड्रिलों में ऑयल होल होते है. ं जिसके दाब द्वारा कटिंग ऑयल भेजा जाता है. ये ऑयल होल,कटिंग ऑयल को कटिंग एज तक पहुंचाते है. जिससे ड्रिल की कटिंग एकज ओवर – हीट नहीं हो पाती है. ऑयल के प्रेशर के द्वारा चिप्स भी बाहर आ जाते है.
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Thanks Bhai Good Article
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bhut achaa article likha hai
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So nice article sir
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Drill machine cut kese aur kyu krta hai
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