ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम पर बैटरी कैसे लगाएं
बिजली बचाने के लिए हम सोलर सिस्टम का इस्तेमाल करते हैं ताकि हमारी बिजली का बिल कम हो जाए या हमारी बिजली की खपत कम हो जाए. लेकिन सोलर सिस्टम भी अलग-अलग प्रकार के होते हैं जैसे कि ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम ओर हाइब्रिड सोलर सिस्टम. आज के समय में सबसे ज्यादा ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम का इस्तेमाल किया जाता है क्योंकि इस पर सब्सिडी मिलती है और इस सोलर सिस्टम द्वारा अधिक बिजली बनती है तो वह वापस ग्रेड में चली जाती है जिससे कि आप के बिजली के बिल में बचत होती है. लेकिन इस सोलर सिस्टम की एक कमी है कि यह सिर्फ ग्रिड सप्लाई आने पर ही काम करता है . बिजली जाने के बाद में इसे कोई भी पावर नहीं मिलती.
तो जहां पर दिन के समय में बिजली ज्यादा समय के लिए जाती है तो वहां पर ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता वहां पर आपको ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम या हाइब्रिड सोलर सिस्टम का इस्तेमाल करना पड़ेगा. लेकिन कुछ लोग सोचते हैं कि जो हमने पहले ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम लगाया है उसी पर अगर बैटरी और लग जाए तो हमें बैटरी बैकअप और मिल जाएगा यानी कि बिजली जाने के बाद में भी हमें बिजली मिलती रहेगी.
ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम पर बैटरी कैसे लगाएं
तो आज की इस पोस्ट में हम आपको वह तरीके बताने वाले हैं जिसकी मदद से आप अपने ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम पर बैटरी जोड़ सकते हैं और बिजली जाने के बाद में भी अपने घर के उपकरण इस पर चला सकते हैं.
ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम या ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम में सोलर पैनल का इस्तेमाल होता है तो आपको सिर्फ सोलर पैनल को इस्तेमाल करना आना चाहिए कि ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम में लगे सोलर पैनल का उपयोग आप बिजली जाने के बाद में कैसे कर सकते हैं.
ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम एक हाई वोल्टेज पर काम करता है ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम में सभी सोलर पैनल सीरीज में जुड़े होते हैं. जिसके कारण सोलर पैनल से आने वाली सप्लाई जो है वह 120 v तक हाई होती है लेकिन ऑफ ग्रिड में आपको इतनी हाई वोल्टेज की आवश्यकता नहीं होती. ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम में जो आपका इनवर्टर होता है. उस पर आप 12,24,36,48, 96 volt तक सोलर पैनल को कनेक्ट कर सकते हैं.
तो आपको एक ऐसा इनवर्टर चाहिए जो कि ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम के सोलर पैनल से आने वाली सप्लाई को कंट्रोल करके आपकी बैटरी को चार्ज कर सके और आपके घर के उपकरण को भी चला सके.
मार्केट में एक ऐसी कंपनी है जिसका सोलर इनवर्टर यह काम कर सकता है. जिसका नाम है- Cellcronic . सेल क्रॉनिक कंपनी दो प्रकार के सोलर इनवर्टर बनाती है ऑफ ग्रिड सोलर इनवर्टर और हाइब्रिड सोलर इनवर्टर. तो इसी कंपनी का एक सोलर इनवर्टर है जिसे आप ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम के सोलर पैनल के साथ में कनेक्ट कर सकते हैं. जिसका डायग्राम आपको नीचे दिया गया है.
यहां पर आपको एक सोलर वाटर पंप का चित्र दिखाया गया है क्योंकि सोलर वाटर पंप भी ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम की तरह ही चलते हैं. तो जैसा कि आप चित्र में देख सकते हैं सोलर पैनल से आने वाली सप्लाई सबसे पहले DC चेंज ओवर में जाती है.DC चेंज ओवर की मदद से आप सोलर पैनल से आने वाली सप्लाई को सोलर इनवर्टर या सोलर पंप किसी में भी भेज सकते हैं अगर आप यहां पर इसे सोलर वाटर पंप की तरफ घुमा देंगे तो सोलर पैनल से आने वाली सप्लाई सोलर वाटर पंप की तरफ जाने लगेगी और अगर आप इसे सोलर इनवर्टर की तरफ घुमा देंगे तो सोलर पैनल सोलर इनवर्टर से जुड़ जाएंगे जिस से की सोलर इनवर्टर उस सप्लाई से आपकी बैटरी को चार्ज करेगा और आपके घर के उपकरण को भी आप चला सकेंगे.
और अगर आप अपने घर के ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम के साथ में इसे जोड़ना चाहते हैं तो सोलर वाटर पंप की जगह यहां पर ऑन ग्रिड सोलर इनवर्टर आएगा जिसका डायग्राम आपको नीचे दिखाया गया है.
यहां पर आप इस चित्र में देख सकते हैं कि जो सोलर पैनल है वह सभी सीरीज में जुड़े हुए हैं जैसे कि ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम में होते हैं. तो यहां पर जो DC चेंज ओवर लगा हुआ है इसकी मदद से आप दोनों सोलर इनवर्टर में से किसी भी सोलर इनवर्टर पर आप सोलर पैनल के कनेक्शन कर सकते हैं. अगर ग्रिड सप्लाई आ रही है तो आप DC चेंज ओवर के स्विच को ऑन ग्रिड सोलर इनवर्टर की तरफ घुमा दे और अगर Grid सप्लाई नहीं आ रही तो DC चेंज ओवर के स्विच को ऑफ ग्रिड सोलर इनवर्टर की तरफ घुमा दे. तो इसकी मदद से आप अपने ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम के सोलर पैनल को ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम के साथ में जोड़ सकते हैं.
लेकिन यह पूरा सेटअप आपको काफी ज्यादा महंगा पड़ता है यह सेटअप आप तब कर सकते हैं जब आपने पहले ही ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम लगवा रखा है.
अगर आप नया ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम लगवा रहे हैं और उस पर बैटरी लगाने की सोच रहे हैं तो आपके पास में हाइब्रिड सोलर सिस्टम एक ऑप्शन है जिसमें आपको बैटरी बैकअप भी मिलता है और वह ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम की तरह भी काम करता है.
हाइब्रिड सोलर सिस्टम क्या होता है
हाइब्रिड सोलर सिस्टम ऑन ग्रिड और ऑफ ग्रिड दोनों सोलर सिस्टम को मिलाकर बना है हालांकि यह उन ऑन ग्रिड और ऑफ ग्रिड दोनों के मुकाबले थोड़ा सा महंगा होता है. लेकिन इसका इस्तेमाल आप कहीं पर भी कर सकते हैं जैसे कि अगर आपको ग्रिड में सप्लाई वापस भेजनी है या आपको ज्यादा बैटरी बैकअप चाहिए तो दोनों ही कंडीशन में आप इसका इस्तेमाल कर सकते हैं. इससे पहले हमने एक पोस्ट में आपको बताया था कि हाइब्रिड सोलर सिस्टम क्या होता है और हाइब्रिड सोलर सिस्टम लगवाने पर कितना खर्चा आता है तो उस जानकारी के लिए आप वह पोस्ट देख सकते हैं .
आज की इस पोस्ट में आपको Grid tied solar system with battery backup , grid-tied solar system with battery backup diagram ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम पर बैटरी कैसे लगाएं से संबंधित पूरी जानकारी दी गई है अगर अभी भी इसके बारे में आप कुछ जानना चाहते हैं तो कमेंट करके आप अपना सवाल पूछ सकते हैं.
4 किलो वाट हाइब्रिड सोलर सिस्टम में। लगभग 8 बैटरी लगती हैं। यदि मैं केवल 2 बैटरी लगाना चाहूं तो क्या यह संभव है’ अगर हां तो। इससे मुझे क्या फायदा और क्या नुकसान होगा। धन्यवाद
4 किलो वाट हाइब्रिड सोलर सिस्टम में। लगभग 8 बैटरी लगती हैं। यदि मैं केवल 2 बैटरी लगाना चाहूं तो क्या यह संभव है’ अगर हां तो। इससे मुझे क्या फायदा और क्या नुकसान होगा। धन्यवाद
सर 7.5hp ac सिंचाई वास्ते शक्ति कंपनी का सोलर सिस्टम लगा है
पेनल 20,प्रति penal 340वाट का व voc 46.03 प्रति पेनल है
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