वेल्डिंग किसे कहते है और इसके प्रकार

वेल्डिंग किसे कहते है और इसके प्रकार

वेल्डिंग का इस्तेमाल आज हर जगह किया जाता है चाहे वह कोई छोटा उपकरण बनाने के लिए हो या फिर कोई बड़ा हवाई जहाज बनाने के लिए हो. जहां पर भी दो या दो से अधिक धातुओं को आपस में जोड़ा जाता है या किसी भी एक धातु के JOINT को जोड़ा जाता है वहां पर हमेशा वेल्डिंग का ही इस्तेमाल किया जाता है अगर इसकी परिभाषा की बात करें तो वेल्डिंग की परिभाषा इस तरह हैं :- दो धातुओं को अत्याधिक तापमान पर गर्म करके किसी तीसरे धातु से जोड़ने की प्रक्रिया को वेल्डिंग कहते हैं.

लेकिन सभी धातुओं पर एक ही प्रकार की वेल्डिंग का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता इसीलिए अलग-अलग धातुओं पर और अलग-अलग जगह पर इस्तेमाल करने के लिए अलग-अलग प्रकार की वेल्डिंग का इस्तेमाल किया जाता है. सामान्यतः वेल्डिंग दो प्रकार की होती है आर्क वेल्डिंग और गैस वेल्डिंग . इसके बारे में नीचे विस्तार से बताया गया है.

1. आर्क वेल्डिंग (ARC WELDING)

ARC WELDING In Hindi : इस प्रकार की वेल्डिंग में बिजली की मदद से Electric arc को Electrode और Base Material के बीच में वेल्डिंग पॉइंट पर पिघलाया जाता है.जिससे कि Electric Arc पिघल कर वेल्डिंग पॉइंट पर लग जाती है और बाद में पिघली हुई धातु ठंडी होने पर मजबूत हो जाती है .

वेल्डिंग शुरू करने के लिए ARC को स्ट्राइक किया जाता है.ARC को स्ट्राइक करने के 2 तरीके होते हैं पहला तरीका Scratch करना होता है. इस पहले ARC को माचिस की तिल्ली की तरह Scratch किया जाता है और वेल्डिंग शुरू की जाती है. दूसरा तरीका Tap Start होता है जिसमें इलेक्ट्रोड को वेल्डिंग पॉइंट पर Tap किया जाता है. और जब तक इलेक्ट्रोड नीचे से सीधा ना हो जाए तब तक TAP किया जाता है और वेल्डिंग शुरू की जाती है.

ARC Welding Machine

वेल्डिंग करने के लिए वेल्डिंग ट्रांसफार्मर की जरूरत पड़ती है यह ट्रांसफार्मर हाई वोल्टेज लो एंपियर इनपुट करंट को लो वोल्टेज और हाई एंपियर करंट में बदल देता है और यह वेल्डिंग के लिए AC सप्लाई देता है. इसके अलावा मोटर जनरेटर की जरूरत पड़ती है. इसे फेरस और नॉन फेरस धातुओं की वेल्डिंग के लिए इस्तेमाल किया जाता है.

जॉइंट टाइप

Welding Joint Type In Hindi : वेल्डिंग करने का तरीका हर एक वस्तु के आधार पर किया जाता है किसी वस्तुओं पर कहीं जॉइंट किया जाता है और किसी वस्तुओं पर कहीं ज्वाइन किया जाता है इसलिए सभी जॉइंट अलग-अलग प्रकार के होते हैं जिस भी वस्तु पर जिस प्रकार के जॉइंट की जरूरत होती है वहां पर वही जॉइंट इस्तेमाल किया जाता है अगर किसी वस्तुओं के कॉर्नर आपस में जोड़ने हैं तो वहां पर कॉर्नर जॉइंट का इस्तेमाल किया जाएगा इसी प्रकार कई और प्रकार के भी वेल्डिंग जॉइंट होते हैं जैसे की

  • बट जॉइंट (Butt Joint )
  • लैप जॉइंट ( Lap Joint)
  • टी जॉइंट (T Joint )
  • एज जॉइंट (Edge joint )
  • कॉर्नर जॉइंट (Corner Joint )

गैस वेल्डिंग (Gas Welding)

Gas Welding In Hindi :गैस वेल्डिंग बहुत ही महत्वपूर्ण वेल्डिंग की प्रक्रिया होती है इसमें ऑक्सीजन की मदद से गैस को जलाया जाता है और एक केंद्रित आग की मदद से उच्च तापमान पर filler material को पिघलाया जाता है और वेल्डिंग पॉइंट पर लगाया जाता है जिससे कि वह पिघल कर वेडिंग पॉइंट में अपने आप सेट हो जाता है.

गैस वैल्डिग उपकरण

गैस वैल्डिग प्रक्रम के अन्तर्गत निम्न उपकरणों एवं उपसाधनों का प्रयोग किया जाता है|

1. ऑक्सीजन सिलेण्डर
2. एसीटिलीन सिलेण्डर
3. सिलेण्डर मैनीफोल्ड
4. हाइड्रॉलिक बैक प्रेशर वाल्व
5. फ्लैश बैक अरेस्टर
6. गैस शुद्धक
7. सुरक्षा वाल्व
8. दाब रेगुलेटर या गैस रेगुलेटर
9. हौज पाइप
10. वैल्डिग टॉर्च या ब्लो पाइप
11. लाइटर या इग्नाइटर
12. सिलेण्डर ट्रॉली

Welding Torch:

गैस वेल्डिंग का सबसे मुख्य भाग वेल्डिंग टॉर्च होती है क्योंकि वेल्डिंग टॉर्च में ही दोनों में से आकर मिलती है और वह एक दूसरे में मिल जाती है और वेल्डिंग टॉर्च पर दो VALVES लगाई जाती है जो कि इनके प्रेशर को कंट्रोल करने के लिए भी इस्तेमाल होती है. वेल्डिंग टॉर्च में आग जलने के बाद में यह इसकी nozzle से निकलती है और वेल्डिंग प्लेट पर लगाई जाती है. वेल्डिंग टॉर्च की nozzle का आकार वेल्डिंग प्लेट और मटेरियल के ऊपर निर्भर करता है

Oxygen Cylinder:

इंधन को जलाने के लिए पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है इसीलिए ऑक्सीजन सिलेंडर का इस्तेमाल किया जाता है ताकि जब भी ज्यादा इंजन चलाने की जरूरत पड़े तो उसे ज्यादा ऑक्सीजन दी जा सके. और ऑक्सीजन सिलेंडर हमेशा काले रंग का होता है

Fuel Gas Cylinder:

गैस सिलेंडर में ज्यादातर oxy acetylene gas, hydrogen gas, natural gas या कोई दूसरी ज्वलनशील गैस भरी जाती है. यह गैस वेल्डिंग मटेरियल पर निर्भर करती है कि वेल्डिंग मटेरियल किस प्रकार का है लेकिन ज्यादातर oxy acetylene gas का ही इस्तेमाल किया जाता है. यह सिलेंडर Maroon रंग का होता है

Pressure regulator:

ऑक्सीजन और इंधन गैस सिलेंडर में बहुत ज्यादा हाई प्रेशर में गैस होती है. लेकिन वेल्डिंग के लिए इतने हाई प्रेशर की जरूरत नहीं होती इसीलिए इस प्रेशर को कंट्रोल करने के लिए इसके ऊपर प्रेशर रेगुलेटर लगाया जाता है ताकि जितनी प्रेशर की हमें जरुरत है उतने प्रेशर पर हम वेल्डिंग कर सकते हैं. वेल्डिंग के लिए लगभग 70 – 130 KN / M2 ऑक्सीजन प्रेशर की जरूरत होती है और 7 – 103 KN / M2 गैस की जरूरत होती है.

Gas Welding Working:

गैस वेल्डिंग आर्क वेल्डिंग की तरह होती है सिर्फ इसमें इक्यूपमेंट अलग इस्तेमाल किए जाते हैं. गैस वेल्डिंग शुरू करने से पहले गैस सिलेंडर और ऑक्सीजन सिलेंडर को अच्छी तरह से कनेक्ट करें और प्रेस रेगुलेटर को भी चेक करें. और प्रेशर रेगुलेटर को जरुरत के अनुसार ही खोलें और फिर इसके आगे striker से आग जलाएं .और अब फ्लेम को वेल्डिंग स्थिति के अनुसार natural flame या carburizing flame या oxidizing flame पर सेट करें. और वेल्डिंग शुरू करें.

गैस वैल्डिंग के दौरान सुरक्षा सावधानियाँ

गैस वैल्डिग करते समय निम्न सुरक्षा सावधानियाँ ध्यान में रखनी चाहिए|

1.गैस वैल्डिग करते समय कोई ज्वलनशील वस्तु; जैसे—माचिस, पेट्रोल । साथ में न रखें।
2.गैस सिलेण्डर खोलने के लिए सिलेण्डर चाबी का प्रयोग करें।

वेल्डिंग मशीन प्राइस इन इंडिया

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46 thoughts on “वेल्डिंग किसे कहते है और इसके प्रकार”

  1. ANANDKUMAR KATTIRAO SONDUR

    Very good hinidi text for welders and other engg staff , Thanks for such translation.

  2. ANANDKUMAR KATTIRAO SONDUR

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  3. Hii ,i am Amit Pandey from çhd , my trade is fitter , this topic is very important for us and i hope you will support in study during lockdown , thank you so much / sir and mam ????

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