RRB Loco Pilot के लिए सिविल इंजीनियरिंग के प्रश्न उत्तर
Civil engineering questions answer In Hindi ? सिविल इंजीनियरिंग से संबंधित बहुत सारी नौकरियां हर साल अलग-अलग क्षेत्र में निकाली जाती है क्योंकि सिविल इंजीनियर का काम किसी बिल्डिंग के नक्शे को बनाना और फिर उस बिल्डिंग को बनाना और उसकी मेंटेनेंस करना होता है इसीलिए सिविल इंजीनियरिंग से संबंधित बहुत सारी नौकरियां आती है.
रेलवे विभाग में भी टेक्नीशियन कि जब नौकरी निकाली जाती है तो सिविल इंजीनियरिंग की नौकरी अभी निकाली जाती है. तो अगर आप आरआरबी लोको पायलट परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं तो आज इस पोस्ट में आपको upsc प्रश्न उत्तर सिविल इंजीनियरिंग इन हिंदी सिविल इंजीनियरिंग पुस्तक pdf सिविल इंजीनियरिंग डिप्लोमा सिविल इंजीनियरिंग pdf सिविल इंजीनियरिंग में करियर से संबंधित काफी महत्वपूर्ण प्रशन और उत्तर दिए गए हैं.
1. परिसीमा स्तर सिद्धांत के अनुसार दाब स्थिर रहता है.
2. पेल्टन हिल टरबाइन स्पर्श प्रवाह टरबाइन है.
3. किसी साइकिल के टायर की गति घुर्णक तथा स्थानातरीय कहलाती है.
4. दाब केंद्र सदैव केंद्रक के साथ भी हो सकता है.
5. एक 12 फैजी तुल्यकाली परिवर्तक में स्लिप रिंग की संख्या 12 होती है.
6. फूड संख्या इकाई से अधिक होने पर शूटिंग प्रवाह कहलाता है.
7. एक Beat प्रति सेकेंड करने वाले दोलन की लंबाई 99.4 सेंटीमीटर होती है.
8. M.K.S. प्रणाली में एक अश्व शक्ति 75 किलोग्राम मीटर प्रति सेकंड होती है.
9.रोटरी कनवर्टर को स्टार्ट करने के लिए किसी प्रथम चालक की आवश्यकता नहीं होती ये स्वचालित होते हैं.
10. किसी 1 ग्राम बल द्वारा किसी वस्तु को 1 सेंटीमीटर दूर तक ले जाने में किए गए काम की इकाई को डाइन कहते हैं
11.बियरिंग के समीप स्नेहल की महीन परत विश्राम की अवस्था में होगी.
12. 30 से 250m शीर्ष पर कार्य करने वाले पावर संयत्र औसत शीर्ष सयंत्र कहलाते हैं .
13. मैक संख्या जड़ता बल व प्रत्यास्था बल के अनुपात का वर्गमूल होता है.
14. पानी के लड़ाकू जहाज के आप्लव केंद्र की ऊंचाई 1 से 1.5 m होती है.
15. उच्च वेग वाले गियर का प्रारंभिक वेग 15 मीटर/सेकंड होता है.
16. अधिक क्षमता के मोटर जनरेटर सेट में प्रयुक्त मोटर तुल्यकाली मोटर होती है.
17. किसी फ्रेम के अवयवों में प्रतिबल ज्ञात करने की काट विधि उपयोगी है जबकि केवल तीन अवयवों में प्रतिबल अज्ञात होता है
18.विश्व में लगभग 90% विद्युत शक्ति A.C. शक्ति के बाद ही जनरेट की जाती है.
19. ग्रह गति संवेग के अविनाशिता या सरंक्षण नियम से नियंत्रित होता है.
20. दाबमापियों में प्राय: पारा प्रयोग किया जाता है क्योंकि यह बहुत भारी होता है .
21. पूर्ण तरंग दिष्टकारी में रिपिल गुणांक का मान 1.21 होगा.
22.द्रवीय टरबाइन व युक्ति है जो जल ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में परिवर्तित करती है.
23.लोहा पदार्थ सबसे कम प्रत्यास्थ है.
24. एक 9 फेज रोटरी कनवर्टर में स्लिप रिंग की संख्या 9 होगी .
25.आयन धारा का प्रवाह एनोड से कैथोड की ओर होता है .
26. किसी कैंची की सबसे सरल आकृति त्रिभुज होती है
27. विद्युत ट्रैक्शन प्रयोगों में डीसी सप्लाई आवश्यक है.
28. मरकरी आर्क दिष्टकारी मे रिएक्टर का कार्य धारा को सीमित करना है.
29. मरकरी आर्क दिष्टकारी में एनोड टंगस्टन धातु का बनाया जाता है.
30. M.K.S. प्रणाली में कार्य करने की इकाई kg.m होती है
31. बल एक वेक्टर मात्रा है
32. रोटरी कनवर्टर में आर्मेचर धारा में ए.सी. एवं डी.सी. दोनों होते हैं.
33. प्रतिवर्ती मशीन की दक्षता हमेशा 50% से अधिक होती है
34. पूर्ण तरंग दिष्टकारी की दक्षता 81.2 प्रतिशत होगी.
35. पावर की इकाई अश्वशक्ति मानी जाती है.
36.किसी वृत्ताकार पहिये पर लगी अर्धवृत्ताकार वेन की सैद्धांतिक दक्षता 100 प्रतिशत होगी.
37. बिना दांतों वाला गियर पहिया कहलाता है.
38. गहरे कुएं से पानी उठाने के लिए वायु चालक पंप उपयुक्त है.
39. न्यूटन बल की इकाई SI प्रणाली में से है
40.जिन बलों की कार्य रेखा एक ही रेखा पर होती है उन्हें समरेख बल कहते हैं.
41. किसी स्थिर चपटी प्लेट से टकराने के पश्चात पानी का जेट 90 डिग्री कोण पर विचलित अवस्था में अपवर्तन होता है.
42. किसी टैंक अथवा चैनल मेंनौच निस्सरण मापने के लिए लगाई जाती है.
43. आर्क दिष्टकारी में पारे का उपयोग कैथोड की भांति होता है.
44.पारे का आयतन विभव लगभग 10.4V होता है .
45. मरकरी आर्क दिष्टकारी में धनात्मक आयन की दिशा कैथोड ओर की ओर होती है.
46. S.C.R. जंक्शन की संख्या 3 होती है.
47. SI प्रणाली में पावर की काई Watt है.
48. किसी एक सतह के अंतर्ग्रथन वह दूसरी सतह के अंतर्ग्रथन के संपर्क में आने पर उत्पन्न बल घर्षण कहलाता है.
49. 60 से 3000 r.p.m. विशिष्ट गति पर कार्य करने के लिए फ्रांसिस टरबाइन उपयुक्त है.
50. स्तरीय प्रवाह के अपेक्षा विक्षुब्ध प्रवाह में परिसीमा स्तर का मान मोटा होगा.
51.थायरेट्रान की कार्य विधि SCR युक्ति के समरूप है.
52. जड़ता बल व श्यनता बल का अनुपात रेनाल्ड संख्या कहलाता है.
53. किसी चौड़े शिखर वाले वियर में केस्ट की चौड़ाई 0.5H से अधिक होती है .
54.मरकरी आर्क दिष्टकारी में यदि एनोड और कैथोड परस्पर बदल दिए जाएं तब दिष्टकारी नहीं करेगा.
55. एक कलीय रोटरी कनवर्टर में स्लिप रिंग की संख्या 2 होगी.
56. बृज दिष्टकारी कार्य पूर्ण तरंग दिष्टकारी है.
57. किसी वृत्ताकार चैनल में अधिकतम प्रवाह वेग के लिए प्रवाह गहराई का मान चैनल व्यास से 0.81 होगा.
58. चूषण पाइप में लगाया गया वाल्व तल वाल्व कहलाता है.
59. किसी बल का किसी पिंड या वस्तु पर घूमओ या परावर्तन प्रभाव उत्पन्न करने वाला आघूर्ण बल घूर्ण कहलाता है.
60. विक्षुब्ध प्रवाह के लिए रेनाल्ड संख्या 4000 होनी चाहिए.
61. आर्क दिष्टकारी में कैथोड पर वोल्ट लगभग 6 या 7V होते हैं.
62. किसी मशीन से किया गया काम और उस पर लगाए गए बल का अनुपात लीवर लाभ कहलाता है
63.धारा में रिपिल बढ़ने से धारा का ए.सी. घटक बढ़ता है.
64. किसी कैंची की सबसे सरल आकृति त्रिभुज होती है.
65.अर्ध तरंग दिष्टकारी की दक्षता 40.6% होगी.
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